


चंबल-पार्वती-कालीसिंध परियोजना के तहत मध्य प्रदेश के गुना जिले की चांचौड़ा विधानसभा में प्रस्तावित बांध का विरोध अब तेज हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस परियोजना के कारण हजारों लोग बेघर हो जाएंगे और उनकी उपजाऊ जमीनें डूब क्षेत्र में आ जाएंगी। इस मामले को लेकर बुधवार को पूर्व विधायक ममता मीना के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने चांचौड़ा में प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में ग्रामीणों ने अपनी चिंताओं को सामने रखते हुए इस परियोजना पर पुनर्विचार करने की मांग की है। विरोध का मुख्य कारण यह है कि पहले से ही नवलपुरा और भमावद में दो बांध प्रस्तावित थे। इन बांधों से सैकड़ों गांवों, यहां तक कि राजस्थान के भी कुछ गांवों को पानी मिलने की संभावना थी और इनमें बहुत कम किसानों की जमीनें डूब क्षेत्र में आ रही थीं। इसके विपरीत, चंबल-पार्वती-कालीसिंध परियोजना के तहत बन रहे नए बांध में कई गांवों के डूबने की आशंका है, जिससे हजारों परिवारों के सामने विस्थापन का संकट खड़ा हो गया है। पूर्व विधायक ममता मीना ने तर्क दिया कि सरकार इस परियोजना के जरिए तीन नदियों का संगम कराकर दूसरे राज्यों को पानी देने की योजना बना रही है, जबकि इसका सीधा खामियाजा स्थानीय ग्रामीणों को भुगतना पड़ेगा।